DIGVIJAY NATH DUBEY 19 May 2023 कविताएँ समाजिक #दिग्दर्शन 14197 1 5 Hindi :: हिंदी
आज की थोड़ी मेहनत ये कल को आराम दिलाएगी जब पत्तों के आंचल में कड़क दोपहरी भाएगी स्वच्छ फिज़ा की रंगत होगी पुरवाई बलखाएगी जब झूलेंगे डाल ये सारे सावन याद दिलाएगी कर लो तुम भी थोड़ी मेहनत भर दो जहां को हरे रंग में एक वृक्ष दस पुत्र समान पाल लो इनको सभी संग में ।।
11 months ago