SANTOSH KUMAR BARGORIA 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मुझे आज के इस फैशन के दौर को देखकर बेहद चिंता होती है क्योंकि इस फैशन के नाम पे क्या स्त्री क्या पुरूष सब तो अभी ही अर्धनग्न घूम रहे हैं । 39106 0 Hindi :: हिंदी
फैशन ------------ फैशन का ये दौर नाजाने हमें, भला अब और कहॉ ले जायेगा । सर से तो चुनरी कब की सरक चुकी, दिन जाने क्या अब और दिखायेगा ।। फैशन का ये दौर नाजाने हमें, भला अब और कहॉ ले जायेगा । अभी दौर चला फटे वस्त्रों का , अब आगे क्या नग्न ही हमें घुमायेगा । फैशन का ये दौर नाजाने हमें, भला अब और कहॉ ले जायेगा ।। चीर हरण कर रहा ये फैशन, स्वयं द्रोपदी समझ ये पाए ना। क्या अब द्रोपदी की लाज बचाने, नया फैसन कोई आयेगा ।। कृष्ण भी हुए हैं अब तो बेबस, इस फैसन रूपी दुशासन से । क्या अश्लीलता की अब ये फैशन, सारी हदे पार कर जायेगा ।। फैशन का ये दौर नाजाने हमें, भला अब और कहॉ ले जायेगा । सर से तो चुनरी सरक चुकी, दिन जाने क्या और दिखायेगा ।। फैसन का ये दौर नाजाने हमें, भला अब और कहॉ ले जायेगा ।। 🙏धन्यवाद 🙏 संतोष कुमार बरगोरिया --------------------------------- (साधारण जनमानस)
I am Santosh kumar Bargoria s/o Sri Sewalal Bargoria at 26, Noor Mahammad Munshi lane Howrah -71110...