भावना उपाध्याय 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य #satyta #google #साहित्य #मन की बात # ज़िंदगी #thought # मां 14933 0 Hindi :: हिंदी
गांव वो गांव की सादगी, वो बचपन की मस्ती। वो कही खो गई, जो थी कभी मेरी हस्ती।। बचपन का लड़ना झगड़ना, याद आता है हर पल। शहरों में रह कर भूल गए हम, गांव में बीता जो अपना कल।। गर्व है मुझे अपने अतीत पर, जो बीता मेरा गांव में। घर अपना मिट्टी वाला, गर्मी बीते छाव में।। ना तेरा घर ना मेरा घर, सब रहते आपस में मिलजुल कर। कोई जो हो जाए दुखी अगर, पूरा गांव साथ देता है एकजुट होकर।।