अनिल कुमार केसरी 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक गरीबी के विषम हालातों पर नज़र डालती एक रचना 7715 0 Hindi :: हिंदी
गरीबी का दानव, सुना है... गरीबी का दानव, बड़ा बेरहम, खूनी, खतरनाक कातिल है; बेहद बेरहमी से, टुकड़ा-टुकड़ा, धीरे-धीरे, बड़े स्वाद से, वह खाता रहता है... किसी का जीवन, किसी का घर, किसी की आत्मा, किसी का ईमान। सुना है... गरीबी का अभिशाप, दुनिया के अभिशापों में, सबसे ज्यादा, सबसे बड़कर, अतिशय क्रूर, भयंकर, हत्यारा, और निर्लज्ज बे-ईमान है। यह निगल चुका है... जाने कितने ? मजबूर, भिखारी, भूखे-नंगे, लाचार, आदमियों को, अपनी भूख का निवाला बनाकर।