Danendra 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 20224 0 Hindi :: हिंदी
बिजली संविदा कर्मी धरने पर बैठ बैठ कर धनवंतरी हुए । वो आम आदमी के हिर्दय संतरी हुए।। हम चीख चीख करके नियमित न हो सके । (फ्रेशर भर्ती) वो हमे देख हस हस कर नियमित हो गए।।
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Work at CSEB Bilashpur Chhattisgarh, writer( 208)...