Pradeep Kumar Maurya 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक 32730 0 Hindi :: हिंदी
हिंदी मेरी श्रेय है, हम सबको बहुत प्रिय है, हिन्दी मेरी जान है हम सबका सम्मान है, हिंदी सुखो का भण्डार है, हम सबके जी का एक आधार है, हिन्दी ही मेरी गीता है, हम सबके गम को पीता है, हिंदी मेरी श्रेय है, हम सबको बहुत प्रिय है.|