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इक पत्ता-वह प्यारा सा पत्ता

Anany shukla 14 Jun 2023 कविताएँ अन्य एक पत्ता, आंधी चली 6538 0 Hindi :: हिंदी

आंधी चली बड़ी जोर से
टूट गया एक पत्ता
संग हवा के उड़ चला
वह प्यारा सा पत्ता 
लगा सोचने कहां गिरूंगा 
माटी के टीलों पर
या बालू के ढेरों पर
या लटक जाऊंगा मैं पेड़ की डाली पर 
अगर गिरा खेतों में मैं
तो जोत दिया जाऊंगा 
अगर गिरा पथ पर मैं
तो पैरों के नीचे आ जाऊंगा
अगर गिरा मैं किसी आँगन में
तो कचरा बन जाऊंगा
अगर गिरा किसी शूल पर
तो टुकड़े टुकड़े हो जाऊंगा
काश मैं गिर जाता सरिता जल में
 तो सूदूर देश को जाता
 या बन जाता आहार किसी का
 तो काम किसी के आता

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