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इरादा क्या हुआ-जो बंदिश में मुस्कान हैं

मनोज कुमार 17 Jul 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत #इरादा क्या हुआ#प्यार #बेवफ़ा 7679 0 Hindi :: हिंदी

इरादा क्या हुआ

हवाएँ बोल रही है
पेड़ों से डोल रही है
तारीखें मसरूफ़ है
इस लम्बे सफ़र में
आख़िर इस सफ़र में
कुछ तन्हा होके गुजर गए
हम पागल थे उस बस्ती में
आहिस्ता होकर बिखर गए
क्या कोई परवा करें
इन हालातों से आह भरें
कैसे छुपाएँ उड़ते गर्दिश
हम भी तो है साँस किसी का
हर हिस्से का ख़वाब किसी का
क्यों ऐसे ही गुजरने दें
जो बंदिश में मुस्कान हैं
लफ्जों में आसमान हैं
क्यों उठाएँ ऐसे मामले
जो मेरे थे वो किधर गए
हम पागल थे उस बस्ती में
आहिस्ता होकर बिखर गए
इरादा क्या हुआ उसका
जो आधा हुआ गम जिसका
जो इन ख़्वाब के तस्कीन में
मेरा दिल जो जल गए

- मनोज कुमार 
 गोण्डा, उत्तर प्रदेश

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