Baba ji dikoli 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य कहानी/कविता/आलेख/शीर्षक/उत्कृष्ठ/भक्ति/शायरी/गजल/नगमा/ 8903 0 Hindi :: हिंदी
इस दिल में अरमान बहुत थे ,जबानी में हमारे भी नाम बहुत थे । जब टूटे तो विखर गये ,कुछ सुधरे तो कुछ विगड़ गए । कुछ निखरे तो कुछ राज बन गए ,कुछ बिता हुआ कल तो कुछ आज बन गए। कुछ बेकार तो कुछ नाकारा बन गए ।कुछ अपने माँ -बाप का सहारा बन गए। इस सफर में किसी को मिली मंजिल तो कुछ निराश घर गए । इस जिन्दगी के सफर में न जाने कितने बिना कुछ किये मर गए। तुम खुश हो की हम क्या कर गए?,हम खुश है कि हम कुछ कर गए । @BaBa ji dikoli