premlata suthar 20 Apr 2023 कविताएँ समाजिक बाधाएँ 7502 2 5 Hindi :: हिंदी
वो पत्थर भी किसी चट्टान से कम नहीं होते । जो किसी की तरक्की में बाधक होते | अगर आ जाए नदी अपने पर, तो बड़ी से बड़ी चट्टान में भी अपनी राह बना ही लेती है । mishti sharma (premlata)✍🏻🙏🏻