Harish Bhatt 13 Apr 2023 कविताएँ अन्य #वक़्त #फैसला #इंतज़ार 8864 0 Hindi :: हिंदी
तुम मत सुनाओ मुझे बीते वक़्त की कहानियां लेना था जब फैसला तब क्यों गंवाया था समय फिजूल की बहसबाजी में अँधेरे में है भविष्य तो क्या भूत का तो पता है जो बीत गया अब उन यादों का क्या करना है जिन्होंने कर दिया ख़राब वर्तमान अब तो खुद ही कर लेता हूँ फैसला तुम मत सुनाओ मुझे बीते वक़्त की कहानियां अभी तय करनी है एक लम्बी दूरी पहले ही ठहर गया था तुम्हारे लिए अब वक़्त कम है और जाना है दूर तुम चल सको तो चलो साथ मेरे वरना तुम करो इंतज़ार समय का जो कभी नहीं आता लौट कर दोबारा इसलिए न करो अब फिर से जिद तुम मत सुनाओ मुझे बीते वक़्त की कहानियां