Barde Jyoti 11 Jun 2023 कविताएँ दुःखद कितना मुश्किल है खुद को संभालना 8052 0 Hindi :: हिंदी
कितना मुश्किल है खुद को संभावना लोगो को हमेशा सबुत देना नहीं तो जिना मुश्किल कर देगा ये जमाना गलती हमारी होती नहीं है फिर भी वक्त हमारा इम्तिहान छोड़ता नहीं है कितना मुश्किल है खुद को संभालना आखों से किसीने भी नहीं देखा होता है फिर भी तमाशा बनाने में कोई नहीं छोडता छोटी सी बात को कहानी में बदलता है जालिम दुनिया नजारा देखने में माहिर हैं कितना मुश्किल है खुद को संभालना रंग बदलने वाले लोग हमेशा बदलते हैं इंसानियत को हमेशा निचा दिखाते हैं सत्य को हमेशा पैरों से कुचलते हैं असत्य को सर पर बिठाया जाता हैं कितना मुश्किल है खुद को संभालना इस जालिम दुनिया से खुद को बचाना