Gopal krishna shukla 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य Motivation Kavita, Hindi Motivational Kavita 61386 1 5 Hindi :: हिंदी
कला खिले मिट्टी में मिल कर चल मन से, अपने करकर्मों जिंदा बन तू मर करके l चल नभ पथ पर अम्बर छू लें, कोशिश कर तेरी कला खिले ll खूब हुआ समझौता, अब न कर तू उन जन से l पहचान अपनी लालिमा जैसे चंदन में ll अभी कुद्दरूप है जीवन का l जीवन विरूध कर मधुवन् का ll शासक बन तू जनमानस का, रुचि से अध्य्यन में मन ना कर तू कंटक सा ll प्रचार कर स्वविचार का, बने जो सबके कोशिश कर तेरी कला खिले ll बन आराध्य तू ईश्वर का, अनंत शक्ति उनके कर मे, ये झूठ बड़ा है की वो है सब मे, हौसले से अपने तू अनंत शक्ति से गले मिले, कोशिश कर तेरी कला खिले ll गोपाल कृष्ण शुक्ला लखीमपुर खीरी (उत्तर प्रदेश) 8948171990
4 months ago