वो सफ़र मे एक चाँद जैसा है 2
दूर तो है लेकिन दिखता रहता है ll
बदहवास नजरे मेरी उसको देखती हैं
काश वो मेरे रुबरु होता,
और उसी से मैं लिपटा � read more >>
धूप की रंगत तो देखो...........
ऐसा लगता है और चढ़ेगी
तिलिस्मि काम है इसका
इंसान सुखा होगा तो भिगा देगी.....
बीती शाम तो चली गयी
नहीं पकड़ पाया read more >>
मैं कहूँ एक ख्वाब वो
सोचूँ उसे हर रात मे l
उससे नज़र की गुप्तगु
होती नहीं अल्फ़ाज़ से ll
ठहरे हो जो मेरे होंठ पर
शब्दों का है इक गान वो...
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मैं ना धुंध हूँ ना राख हूँ,
जिंदगी है मौत से मैं मौत के ही पास हूँ ll
राज से द्रोह है ,
और दंश से मोह है ,
कंटको के बीच हूँ मैं
कंटको का लोभ ह read more >>
भींच दूंगा मैं उसे जो द्वंद में शत्रु है l
स्थिति भले हो मरण की ,
भले हो कटना खंड खंड भी l
मरणासन्न में ही सही ll
होगा विजय का जयघोष भी,
भले � read more >>
उड़ चले पर्वत वह भी,
जिनके पास ज़मीन थी l
हर कश्क खत्म,
अश्क में नयन नमl
जीना दुर्लभ है नहीं l
बिन पीर के युद्ध क्या l
मल्ल युद्ध है जिंदगी read more >>
सरफिरा व्यक्ति हूँ मैं, रोज़ बिछड़ता हूँ... 2
इनसे मिलता हूँ, कभी मैं उनसे मिलता हूँ,
लौट आता हूँ घर मैं सोने को ही बस,
हेतु सोने को मैं अ� read more >>