कांतिलाल चौधरी 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Google 8052 0 Hindi :: हिंदी
क्या वह भी दिन थे। बचपन था या स्वर्लोक धूप में खेले धूल में खेले मां बाप के गोद में खेले खेले साथियों के साथ में क्या वह भी दिन थे। मां ने मारा बाप ने मारा साथिडो़ ने मिलकर मारा क्या वह भी दिन थे — कांतिलाल चौधरी