Kirti singh 21 Jun 2023 कविताएँ अन्य मां बालक का अनूठा रिश्ता । 7184 0 Hindi :: हिंदी
मां और बालक का अनूठा रिश्ता एक दूजे की आंखें पढ़ लेता बिन कुछ कहे बालक अपनी बातें मां को समझा जाता ।रोता बालक मां के गोद में आकर मां की आंखें पड़ जाता और गहरी नींद में सो जाता है ।मां और बालक का अनूठा रिश्ता एक दूजे की आंखें पढ़ लेता बालक मां की आंखों से बातें करते करते आंखों की भाषा को जुबान पर लाता और मां शब्द को बोलकर भाषा का ज्ञान पाता ।और कुछ दिनों में उंगली पकड़कर चलता फिरता जब कभी गिर पड़ता तो मां को देखकर चोट को 4 गुना बताकर मां का प्यार पाता मां बेटे का अनूठा रिश्ता इसी तरह से जीवन शैली में आगे बढ़ता ना जाने कैसे अंगूठा रिश्ता तब बिगड़ने लगता ।जब बच्चा बड़ा हो जाता और मां जब बेटे को गलत काम करने से रोकती तब उस बेटे को मां की वही बातें वही आंखें अनपढ़ लगती और बेतुकी लगती। बेटा अपने मन का करता और मां को और उसके प्यार को भुला जाता मां और बेटे का अनूठा रिश्ता ना जाने कहां गुम हो जाता।✍️kirti singh