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मैं किसान हूँ

Rupesh Singh Lostom 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक मैं किसान हूँ 89410 4 4.5 Hindi :: हिंदी

मैं किसान हूँ 
मैं डरता हूँ आज से 
बीते हुए कल से और 
आने वाला कल से 
अतीत से सच से झूठ से 
मैं किसान हूँ 

मैं पल पल बदलता 
घुट घुट के जीता हूँ
खुशियों से डरता हूँ 
दुःख से घबराता हु 
अपने आप हँसता हूँ 
थोड़ा रो भी लेता हूँ 
मैं किसान हूँ 

मैं ही बंजर खेतों में भी अन्न उगाता हूँ 
बैलों के साथ बैल बन जाता हूँ 
मैं ही अपने खून को पशीने के जैसे बहाता  हूँ 
आपके घरों तक सब्जियां फल अनाज पहुँचाता हूँ 
मैं किसान हूँ 

मैं गांव हूँ मैं ही शहर हूँ 
मैं भारत हूँ मैं ही हिंदुस्तान हूँ 
मैं चावल गेहूं , चना , दाल हूँ 
मैं ही भूख रूपी चण्डालनी के खुराक हूँ 
मैं विश्व भर के भूखो के भूख हूँ 
मैं किसान हूँ 

मैं ही राजनेताओं का तवा हूँ 
वैसे तो रोटी भी मैं ही हूँ 
उनको संसद तक ले जाने वाला भी मैं ही हूँ 
प्रधानमंत्री बनाने बाला मैं मैं मैं हूँ 
पर मैं बेचारा हूँ भूखा हूँ प्यासा हु लाचार हूँ 
मैं हर मौसम को सहता हूँ बाढ में बहता हूँ 
हर स्थिति हर परिस्थिति में मरता मैं ही हूँ 
मैं किसान हूँ 

Comments & Reviews

ROHIT YADAV
ROHIT YADAV Best

1 year ago

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Sahity Live
Sahity Live

1 year ago

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Sahity Live
Sahity Live Nice

1 year ago

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Shveta kaithwas
Shveta kaithwas Behad khubsurat

1 year ago

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