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मन की खिड़की खोल नारी

रोhit Singh 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक #women's day #महिला_दिवस #अंतरराष्ट्रीय_महिला_दिवस #रोhit Singh #poem 18399 0 Hindi :: हिंदी

मन  की  खिड़की  खोल  नारी
अपनी हिम्मत को ना तोल नारी
तेरा  ही जय  जय  कार  होगा 
तू  चुप  क्यों है  अब बोल  ना रे

सब शास्त्र हैं तो तू  प्रहार बन
सब तीर है तो तू तलवार बन
सब करते तुझ  पर शासन है 
तो  तू सबका  स्वराज  बन

तू खामोशी में अभिलाषा भर दे
तू अग्नि को अब ज्वाला कर दे
जो  डाटा  अंधेरा  तुझ  को  घेरे 
उस अंधेरे में तो तू उजाला भर दे

यह चूल्हा चौका ही ना हैं काम तेरा
औरों  की  तरह  ही  है  नाम  तेरा 
ये चारदीवारी क्या रोकेगी तुझ को 
जब  ये  पूरा  है  ब्रह्मांड  तेरा
 
तू सपनों के हिमालय चढ़ती जा 
तू रोक-टोक से निपट ती जा 
ये  लोग  तो टांगे  खींचेगे  ही 
बस तू गगन पर कब्जा कर ती जा
बस तू गगन पर कब्जा कर ती जा

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