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मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे!!

शिवांश पाराशर राही 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक #hindipoetry#shivanshparasharraahi 16194 0 Hindi :: हिंदी

सुकृत कर्म के दाम तुम्हे मिल जाएंगे,
वो करुणा के धाम तुम्हे मिल जाएंगे,
लालित,ललित,ललाम तुम्हे मिल जाएंगे,
मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे !!

भारत की भू रज में राम समाए हैं,
धर्म,कर्म में यज में राम समाए हैं,
राम मिलेंगे हर मुस्काती कलियों में,
राम मिलेंगे जनकपुरी की गलियों में,
राम मिलेंगे  नगर,गली  व  बस्ती में,
राम मिलेंगे हर केवट की कश्ती में,
श्रमिक,भ्रमित विश्राम तुम्हे मिल जाएंगे,
मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे !!

राम मिलेंगे गीध राज की टेरों में,
भाव-भरे माता शबरी के बेरों में,
राम मिलेंगे सदा सिया के शीलों में,
कोल भिल्ल वानर बनवासी भीलों में,
राम मिलेंगे अधरों के स्पंदन में,
चित्रकूट तुलसी के घिसते चंदन में,
सिया विराजे बाम तुम्हे मिल जाएंगे,
मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे !!

राम मिलेंगे हर  मर्यादित भाषा में,
पूज्य प्रमाणित पौराणिक परिभाषा में,
राम मिलेंगे आती जाती स्वांसो में,
राम मिलेंगे श्रद्धा  में  विश्वासों  में,
राम मिलेंगे भरत सरीखा जीने में,
राम मिलेंगे सदा हनुमान के सीने में,
पथ पर सुंदर ठाम तुम्हे मिल जाएंगे,
मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे !!

राम मिलेंगे हर उत्तम  उत्कृष्ठों में,
रामचरित मानस के हर एक पृष्ठों में,
राम मिलेंगे हर कण हर सृष्टि में,
राम मिलेंगे समता में समदृष्टि में,
राम मिलेंगे तम को हरती रविता में,
सुंदर सहज सुशील काव्य में कविता में,
अंतरहित अभिराम तुम्हे मिल जाएंगे,
मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे !!

ना मंदिर में,ना घर बैठे,ना प्रवास में...
राम मिलेंगे दीन जनों की भूख प्यास में,
ना  तो  शहर  में  और ना  गांव में,
राम मिलेंगे  पंचवटी  की  छांव  में,
राम मिलेंगे कौशल्या की ममता में,
राम मिलेंगे सीता की  गरिमता  में,
मनुज धर्म के आधार तुम्हे मिल जाएंगे,
मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे !!

ना  सूरज, ना  चंदा, ना  तारों  में....
राम मिलेंगे वानर सेना के नारों में,
ना तो  गौरव ना  ही  प्रतिमानों  में,
राम मिलेंगे भारत की पहचानो में,
राम मिलेंगे कूंचे कूंचे टंगे झंडों में,
राम मिलेंगे पवित्र चिता के कंडों में,
हर घड़ी नवीन स्वभाव तुम्हे मिल जाएंगे,
मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे !!

सुकृत कर्म के दाम तुम्हे मिल जाएंगे,
वो करुणा के धाम तुम्हे मिल जाएंगे,
लालित,ललित,ललाम तुम्हे मिल जाएंगे,
मर्यादा में राम तुम्हे मिल जाएंगे !!

~ शिवांश पाराशर "राही"

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