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मेरे श्री राम को अयोध्या मिल गई

Vipin Bansal 23 Jan 2024 कविताएँ धार्मिक 3649 0 Hindi :: हिंदी

कविता = ( मेरे श्री राम को अयोध्या मिल गई )

मुगलों की शतरंज की चालें बदल गईं ! 
बाबर की शहंशाही खाल बदल गई !! 
बाबरी मस्जिद जिसे कहते सभी थे ! 
अलीबाबा कहानी की सिमसिम निकल गई !! 
सिमसिम के चोरों ने लूटे सनातन के खजाने ! 
लद गये उन चोरों के अब हैं ज़माने !! 
सोमनाथ मंदिर में दीये फिर से जलेंगे ! 
उन चोरों के और भी सिमसिम खुलेंगे !! 
मथुरा, काशी विश्वनाथ हमें फिर से मिलेंगे ! 
हिंदुत्व को मिटाने के अब प्रमाण मिल गए !! 
मुगलों के बनाए हमें हथियार मिल गए ! 
गंगा जमुनी तहज़ीब के निशान मिल गए !! 
सनातन धर्म की लौ हर दिल में जल गई ! 
अज्ञानता के तम को वो निगल गई !! 
मुगलों की शतरंज की चालें बदल गईं ! 
बाबर की शहंशाही खाल बदल गई !! 

आतंक के बल पर यहाँ वो ठहरे ! 
भारत को लूटने आये वो लूटेरे !! 
हिंदूओं को जबरन मुसलमान बनाया ! 
सिख गुरूओं को ज़िंदा तेल में तलवाया !! 
सनातन धर्म का लहू खूब बहाया ! 
सिख गुरुओं को ज़िंदा दीवार में चुनवाया !! 
माँ, बहनों की इज़्ज़त से हमारी वो हैं खेले ! 
इतिहास के पन्ने उन्हें शहंशाह क्यों बोले !! 
इतिहास के पन्ने अब फिर से लिखेंगे !
सिख गुरूओं की शहादत अब बच्चे पढ़ेंगे !! 
भारत को अब हिंदू राष्ट्र बनाकर रहेंगे ! 
सनातन धर्म का डंका बजाकर रहेंगे !! 
भगवे रंग में अब दुनियाँ रंग गई ! 
मेरे श्री राम को अयोध्या मिल गई !! 
मुगलों की शतरंज की चालें बदल गईं !
बाबर की शहंशाही खाल बदल गई !! 

भारत अब विश्व गुरु बनकर रहेगा ! 
दुनियाँ का बच्चा-बच्चा जय श्री राम कहेगा !! 
आतंक के रावण की अब लंका जलेगी ! 
दहशतगर्दी अब न यहाँ पर चलेगी !!
हरि सिंह का कश्मीर फिर स्वर्ग बनाएंगे !
पी ओके हम फिर वापस लाएंगे !! 
कश्मीरी पंडितों के घर फिर बसाएंगे ! 
केसर की क्यारी को फिर महकायेंगे !! 
जो तोड़े थे मंदिर वो फिर बनाएंगे ! 
कठपुतलियों के हाथों न देश चलाएंगे !! 
जात-पात में अब न बटकर रहेंगे ! 
हम हिंदू हैं बस हम हिंदू रहेंगे !! 
गूंगी-बहरी सरकारें सब उखड़ गईं ! 
सनातन धर्म की आंधी जब चल गई !! 
भगवे रंग में अब दुनियाँ रंग गई ! 
मेरे श्री राम को अयोध्या मिल गई !! 
मुगलों की शतरंज की चालें बदल गईं ! 
बाबर की शहंशाही खाल बदल गई !! 

             विपिन बंसल.

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