नरेंद्र भाकुनी 20 Feb 2024 कविताएँ प्यार-महोब्बत Love, India, World, south Africa🇿🇦🌍, 🇬🇧, Bangladesh, पाकिस्तान, भारत, love, veer jara, भारत, हिंदी, हिंदू, भाषा, 2267 0 Hindi :: हिंदी
मुझे याद तुम्हारे बोल ये बोल बड़े अनमोल। तुम पावनी नदी की जलधारा तुम हो अमृत की घोल। मैं याद करूं जो तुम्हारे क्षण क्षण संरचना के खास थे। आज कहीं पर दूर हो मेरे धड़कन में तुम पास थे। इसी क्षणों को मैंने जिया था उन्हीं क्षणों को तोल। तुम पावनी नदी की जलधारा तुम हो अमृत का घोल। दूर से देखा मैंने तुमको मन के मंदिर में देखा था। तुम पूजा करने आए थे जो हमको यही बताए थे। मन मंदिर में पूजा हमने इधर-उधर नहीं ढोल। तुम पावनी नदी की जलधारा तुम हो अमृत का घोल। मैंने माना तुमको गीता तुम कर्मों के सार थे। लगा कहीं पर तुम मेरे हो जीवन का आधार थे। उसी प्रेम की गीता का नैनन के पट खोल। तुम पावनी नदी की जलधारा तुम हो अमृत का घोल। कहीं सामने तुमको मैंने देखा बदल गई मेरी भाग्य की रेखा। उस पथ को आलोकित करने उसी राह का मंजिल देखा। बसे हुए थे, कहीं मगर थे और कहीं पर डोल। तुम पावनी नदी की जलधारा तुम हो अमृत का घोल। नरेंद्र भाकुनी