नरेंद्र भाकुनी 26 Feb 2024 कविताएँ बाल-साहित्य #questions #question #love #answers #quiz #questionoftheday #knowledge #ask #instagram #life #answer #quotes #gk #education #india #questionschallenge #follow #facts #motivation #exam #trivia #generalknowledge #fun #askme #study #instagood #thoughts #askmeanything #currentaffairs #quiztime , रँग, प्रकृति, nature, #poetry, काव्य, 2196 0 Hindi :: हिंदी
रँग इतलाती - बलखाती नदियाँ, सागर से मिलने मैं जाऊँ। सागर कहता 'हूँ गंभीर मैं, रँगों मे खो जाऊँ। । रँग जो कहते हैं सूरज से ,अपनी रश्मि को मुझको दे दो। नये - नये से उपवन सारे, भरने मुझसे कह दो ।। सूरज कहता हैं आसमाँ से, चमक उठा ज्यौं तारा। ख़ुशी मुझे तो बहुत मिलेगी, अमन हुआ जग सारा।। अंबर कहता हैं व्योम से मेरा रँग जो नीला हैं। अलग - अलग से प्रकरण जैसा, मौसम नया रसीला हैं। मौसम कहता बदल चुका मैं, अब तो अवनि मुझको पुकारे। बात किया हैं मैंने मेघ से, कुछ समझो मेरे इशारे। । । मेघ ने गाया मल्हार राग, बरस चुका हूँ आज यहाँ पर धरती से नदियों मे जाकर, जाने कहाँ - कहाँ पर - नरेंद्र सिंह भाकुनी