Shubhashini singh 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत Google /Yahoo/Bing /instagram/Facebook/twitter 31129 0 Hindi :: हिंदी
नशा ज़िन्दगी का था था अब नशा है मौत का है। ख़्वाब ये हमारा ही था। अब चाहत मौत की है। सफर शुरू किया हमने ही था। अब खत्म हमसे ही है। कभी चाहत बस तुमसे ही थी। अब तुम्हारी चाहत बदली सी है। कभी खुश रहना हम भी चाहते थे। अब हर तरफ दुःख ही है। नशा ज़िन्दगी का था। अब नशा मौत का है..... सुभाषिनी सिंह