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Shubhashini singh

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जय मां दुर्गा भवानी आदि शक्ति मां अम्बे काली जगत जननी मां भवानी नव दुर्गा नव रूप धारण करने वाली हे मां भवानी तू ही अम्बा तू ही जगदम्ब� read more >>
सुबह अधूरी है जब तक चाय का प्याला ना मिले सुबह अधूरी है जब तक मां का चहेरा ना दिखे सुबह अधूरी है जब तक पापा की पुकार ना सुने सुबह अधूर� read more >>
मेरा गणित इतना खराब है कि मेरा जीवन ही जोड़ घटाना में बीता जा रहा जोड़े थे कभी हम भी उन चंद लोगों को जो समय के साथ बदल से गए थे अब उनको घ� read more >>
ज़िन्दगी की कली वक़्त के साथ बदलती गई ज़िन्दगी की कली कभी नरम सी तो कभी गरम सी कभी खिली हुई तो कभी मुरझाई हुई कभी टूटी हुई तो कभी तोड� read more >>
शहर जैसे जहां दिन रात सब बराबर सा लगता हो चारो तरफ रौशनी ही रौशनी सा लगता हो पर हमारे हमारे दिल के कोने में अधियारा सा है शहर जैसे चारो read more >>
रहे आसमान में उड़ते मगर कभी किसी को दुख न दिया हां जमी पर आते ही लोग मुझे पिजरे में कैद कर देते है उस चार दिवारी में कैद कर देते है सोभ read more >>
समझ में नहीं आता आख़िर जिंदगी क्या चाहती है, समझ नहीं आता। कभी लगता है नई शुरुआत करू, तो कभी लगता है सब कुछ खत्म हो गया। कभी लगता है सब � read more >>
बेटी मां बाप की लाड दुलारी बेटी हर आंगन को चहकाने वाली बेटी हर परिस्थिति में साथ निभाने वाली बेटी अपनो के लिए अपनी खुशी कुर्बान करने read more >>
मैंने क्या बिगड़ा था जो मुझे इस नज़रिए से देखा जाता है मैंने क्या बिगड़ा था क्या ये गलती है मेरी की मै एक गरीब हूं तो क्या मेरी कोई ए read more >>
ज़िन्दगी कहां है तू ढूंढू तुझे हर जगह कभी सपनों में तो कभी ख्वाबों में ज़िन्दगी कहां है तू जिस जिंदगी की हम तलाश में है जिस जिंदगी � read more >>
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