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पंख है पर उड़ने को मोहताज़

Meena ahirwar 29 May 2023 कविताएँ दुःखद कविता- पक्षियों की दास्तां # दुःखद # पक्षियों के प्रति सद्भावना। 38477 3 5 Hindi :: हिंदी

रंग बिरंगे पक्षी देख , 
उन्हें कैद कर देते है । 

आज़ादी को उनकी जाने क्यों, 
 लोग उनसे  छीन लेते है। 

 पंख है पर वो उड़ नहीं सकते, 
यह देख वो कितने दुःखी हो जाते । 

कभी पालने के लिए कैद करते , 
तो कभी खेलने के लिए कैद करते। 

 कभी तो सर्कस में मनोरंजन, 
 के लिए लोग उन्हें कैद करते । 

कहने को वो आज़ाद परिंदा, 
 कब लौहे के पिंजरे में कैद हो जाता है । 

पंख है पर उड़ने को मोहताज़ हो जाता 
पक्षियों का जीवन भी कितना कठिन हो जाता है। 

उद्देश्य- इस कविता का मूल उद्देश्य यह है की  पक्षियों को कैद ना करे उन्हें उड़ने के लिए ईश्वर ने पंख दिये उन्हें उड़ने दे अपने स्वार्थ के लिए उनकी आजादी ना छीने। 

मीना अहिरवार, 
जिला- छतरपुर (म.प्र) ।

Comments & Reviews

Aarti Ramesh Honale
Aarti Ramesh Honale Nice thinking

10 months ago

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Dhermesh Ahirwar
Dhermesh Ahirwar Really yrr Heart Touching Thinking ❤️

3 months ago

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Dhermesh Ahirwar
Dhermesh Ahirwar Really yrr Heart Touching Thinking ❤️

3 months ago

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