आज का युग सच में आधुनिक होता जा रहा है, सभ्यता, संस्कृति जैसे खत्म होती जा रही, अब तो रिश्तों का भी अस्तित्व खतरे में आ गया है, हर तरफ़ डर क read more >>
सम्मान भी हो, स्वाभिमान भी हो
जिस घर में रहूँ ,वहाँ मान भी हो
आपने भी हो ,जहाँ,अपनापन भी मिले
बस ऐसा प्यारा सा, परिवार भी हो
मिठास भी हो ,� read more >>
बारिश की बूंदों को देख,
मन कितना आनंदित हो जाता हैं l
और उन बूंदों में मन ,
ये भीगने को चाहता हैं l
रोक नहीं पाती हूँ मैं ख़ुद को ,
जब बार� read more >>
कहानी - एक सफ़र (यात्रा वृतांत)
एक रोज़ मैं अपनी सहेलियों के साथ किसी काम से बाहर गई थी, उस सफ़र में मुझे एक बुजुर्ग औरत मिली, वह काफी परे� read more >>
अपने पराये क्यों, लगने लगे हैं
रिश्तों से अब हम, बिछड़ने लगे हैं .
कल तलक जो साया बनकर ,साथ-साथ चलते
आज है ख़फ़ा जैसे ,अंजान हो कोई हम.
अ� read more >>
1.नया है ये आँगन सासों, नया घर द्वार है
भूल चूक होए सो माफ़ करना।
आये ना जो काम काज, तो ताने कसना ना
बेटी की तरह हूँ तेरी, ध्यान रखना।
2.नय� read more >>