GHRITAARYAMASHARNAM DEWANGAN 30 Mar 2023 कविताएँ धार्मिक 9770 0 Hindi :: हिंदी
कल्पना करते हुए____________ प्रभु धनवंतरी जी को बुलाते हैं _______________________________ दीपावली आ गई,चलो मिलकर घर को सजाते हैं, धन तेरस के दिन, प्रभु धनवंतरी जी को बुलाते हैं, जमीन को गोबर पानी से लिपकर आसन लगाते हैं, द्वार में कलश रखकर, चौखट पर तोरण सजाते हैं, घर के चहुं ओर में दीपो की माला सजाकर धन तेरस के दिन... विष्णु देव मां लक्ष्मी व गणेश जी के संग पधारते हैं, और हाथ में अपने अमृत कलश भी साथ लाते हैं, इस दिन मानो घर में होती खुशियों की बारिश धन तेरस के दिन... आथित्य करते हुए हम उनका चरण पखारते है, सष्टांग नमन करने के पश्चात आसन पर बिठाते है, इत्र छिड़कने के बाद सुगंधित धूप दिखाकर धन तेरस के दिन... कंचन थाल सजाकर श्रीहरि की आरती उतारते हैं, शंख, बिज घंट और ताल साथ में भी बजाते हैं, तत्पश्चात स्तुति करके मंत्रोचारण से धन तेरस के दिन.... रंग बिरंगे वस्त्र लक्ष्मीनारायण को अर्पण करते हैं, कमल फूल की माला बनाकर प्रभु को चढ़ाते हैं, मन हटता नही भगवान के मुख मंडल को देखकर धन तेरस के दिन.... अम्मा की बनाई हुई पकवान प्रभु को भोग लगाते हैं, खीर,पूड़ी के संग तुलसी दल अपने हाथो से खिलाते हैं, मुंह हाथ धुलाकर कर के भगवन जी को धन तेरस के दिन... शयन करने हेतु भगवन के लिए आसन बिछाते है, प्रभु को अपने कोमल हाथों से सहलाते हुए सुलाते है, रूप को देखकर मनमोहन का वहा से उठते न बने धन तेरस के दिन... ________✍️घृतआर्यमाशरणम् देवांगन कटगी