Meena ahirwar 30 Mar 2023 कविताएँ दुःखद कविता - दुःख 8610 0 Hindi :: हिंदी
साथ नही देता जब जग, तब आँख में आँसू आते है। रह जाते है ख़्वाब अधूरे, और कुछ न कह पता है। अंदर ही अंदर घुटता है, और खामोश हो जाता है। टूटे ख्वाबों को लेकर वो, ख़ुद को अकेला पता है। सबकी सुनता है पर वो ख़ुद कुछ न कह पता है। किसको सुनाए बस ये सोचे, और रोता ही जाए।