Santosh kumar koli ' अकेला' 30 Mar 2023 कविताएँ समाजिक सफल समय 86530 0 Hindi :: हिंदी
समय -समय की बात है, समय बड़ा बलवान्। सदा एक- सा ना रहे, चाहे देव, मनुज, भगवान्। जिसके सिर पर ताज है, कल होगा टांकों का जाल। फूल सेज पर जो सोता है, कल होगा भीष्म- सा हाल। बख़्त बदले भिखारी भी, हो जाए मालामाल। उंगली उठे तो हुक्म तमील, कल कुत्ता भी पूछे न हाल। यारी हो जाए खारी, खार आप पर कुरबान। सदा एक- सा ना रहे, चाहे देव, मनुज भगवान्। समय सवार रावण, बांध लिया काल। वही रावण, वही सेना, समाया काल के गाल। जान से प्यारी तुलसी पत्नी, लगने लगी जंजाल। महाकवि बन गया, काट रहा बैठा जिस डाल। इज़्ज़त लुटी द्रोपदी की, वही अर्जुन वही बान। सदा एक- सा ना रहे, चाहे देव मनुज, भगवान्। ऊंचा उड़ेगा, नीचे गिरेगा, है समय की रीत। जीतने वाला हारेगा, हारने वाले की होगी जीत। फूला- फूला खाने वाला, आएगा जली- कटी की रीत। ज़र्क -ब़र्क़ जर्जर होगा, समय किसी का सगा न मीत। समय समझ आए नहीं, पढ़ लो जातक, वेद कुरान। सदा एक -सा ना रहे, चाहे देव, मनुज भगवान्। समय -समय की बात है, समय बड़ा बलवान्। सदा एक -सा ना रहे, चाहे देव मनुज भगवान्।