SHUBHAM PATHAK 06 Jul 2023 कविताएँ समाजिक 6271 0 Hindi :: हिंदी
वाह्ह्हह्ह्ह्ह संटू दादा कमाल कर दिये, एक भैया की जगह सौ भैया खड़े कर दिए उस बहन के आंसू पोछे भर दिया माएरा, आपने सिखाया समाज को दोस्ती का दायरा एक वचन आपका था जो पूरा कर दिखाया,, देखो ना दादा आपके इस निस्वार्थ भाव ने समाज को दोस्ती निभाना सिखाया सिखाया आपने दोस्त का परिवार अपना होने का भाओ, गाड़ी भर के दहेज़ आगया देख कर दंग रह गया सारा गाओ प्रभु आपको खुश रखे हमेशा आपके साथ रहे ये सखे, उस पिता ने एक बेटा खोया था मुझे तो वहाँ कई बेटे दिखे अज्जू दादा की आत्मा को शान्ति मिल गई होंगी, चिंतित माँ बाप को बेटी की बिदाई के बाद सुकून की नींद आई होंगी अब तो हर समय ये सोचता हूँ हर जन्म मे मानव जन्म मिले हर कदम संटू दादा के साथ चले, हर शुभ कार्य मे दादा के साथ हों हर समय दादा आपका आशीर्वाद हों