Ekta Tiwari 19 May 2023 कविताएँ अन्य आजकल बच्चे तथा अन्य युवा वर्ग सफलता को काफ़ी गंभीरता से लेते हैं। उन्होंने अगर सही दिशा में मेहनत की तो सफल हो जाते हैं। परंतु यदि उनकी मेहनत का परिणाम अच्छा नहीं आया तो हमारे देश में कुछ लोग तनाव में आ जाते हैं। वे अपनी हार बर्दास्त नहीं कर पाते और उन्हें उनकी जीत उनके जीवन से बड़ी लगने लगती है। पर सच कहूं तो सबसे बड़ी हार तो व्यक्ति तभी होती है जब वो स्वयं से हार जाता है। 6432 0 Hindi :: हिंदी
डर मत घनघोर अंधेरों से अब होने को सवेरा है बुलंद कर अपने हौसलों को, मुसीबत ने किसे नहीं घेरा है।। मुसीबत ने किसे नहीं घेरा है हर कामयाबी से पहले जख्मों का पहरा है जरा कद्र करना इस वक्त की मिला वक्त तुझे सुनहरा है।। तू स्वयं से एक सवाल उठा कि क्यों दुनिया में आया है कुछ देके जा इस दुनिया को यदि इस धरती पर आया है।। तू हृदय में दिव्य ज्योति जला तुझमें ही सब समाया है , तू मन को दृढ़ मजबूत बना तू स्वयं को शक्ति दूत बना तेरे प्रयासों से पर्वत डोले तू खुद को इस अनुरूप बना।। उठ जग में अपना छाप बना जिंदगी ने मौका दिखाया है त्याग करने पड़ेंगे जीवन में कुछ बिना त्यागे किसी ने कुछ नहीं पाया है।। धैर्य से हर परिस्थितियां पार कर तू हर नदी का कोई किनारा है कौन कहता है तेरा वक्त नहीं है अभी तो वक्त ही वक्त तुम्हारा है।। अपने कर्म निश्चित कर तू मेहनत के आगे ईश्वर भी हारा है थोड़ा हिम्मत रख और ठान के चल कि अगला विजय तुम्हारा है।।