SACHIN KUMAR SONKER 30 Mar 2023 कविताएँ अन्य GOOGLE अभी बाकी है। 68018 0 Hindi :: हिंदी
शीर्षक (अभी बाकी है) मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर) सांसे रुकने को है,पर कुछ काम अभी बाकी है। यमराज से बोल देना थोड़ा रुक कर आये। क्योंकि दिल में अरमान अभी बाकी है। दो पल और जी लेने दो ऐ ज़िन्दगी क्योंकि कुछ काम अभी बाकी है। अभी नही चल सकता मैं साथ तेरे क्योंकि मेरे कद्रदान अभी बाकी है। ऐ ज़िन्दगी कुछ वक़्त और दे- दे मुझे कुछ लोगो के अहसान अभी बाकी है। ज़िन्दगी के कई इम्तिहान अभी बाकी है। ज़िन्दगी के कई मुक़ाम अभी बाकी है।s ऐ वक्त जरा ठहर क्योंकि मेरी माँ का दुलार अभी बाकी है। मौत खड़ी है सामने फिर भी जान अभी बाकी है। मेरी अस्थि का सामान रख दो अभी क्योंकि मेरी रूह में जान अभी बाकी है। चिता जल चुकी है पर निशान अभी बाकी है। मैं रुक्सत हो चुका हूँ इस दुनियाँ से पर मेरे पैरो के निशान अभी बाकी है।