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शीर्षक (भारतीय सेना)

SACHIN KUMAR SONKER 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम GOOGLE शीर्षक (भारतीय सेना) 76403 0 Hindi :: हिंदी

शीर्षक (भारतीय सेना)
मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर)
मिटाने से भी हमारी  हस्ती मिटती नहीं,
 समुंदर में भी हमारी कस्ती नही रूकती।
ना विश्वास हो तो इतिहास उठा कर देख लो।
जब-जब हमने हथियार उठाया है एक नया इतिहास बनाया है।
अपने वतन की रक्षा हम करते है,
इसमें जान भी चली जाये ग़म नही करते है।
हम देश के लिये ही जीते है और देश के लिये ही मरते है।
देश भक्ति है कि हमारे दिल से जाती नहीं,
 हमको देश भक्ति के सिवा कुछ आती नहीं।
जिस मिटटी में जन्म लिया है उसका कर्ज चुकायेगे। 
हम भारत के वीर है पीठ नही दिखायेगे।
इसी मिटटी में अपने दुश्मन को दफ़न करके ही जायेगे।
नापाक इरादा रखने वालो को हमने अच्छा सबक सिखाया है, 
हमने अपने धरती माँ के माथे पर हमने उनके खून से तिलक लगाया है।
तपती गर्मी में भी खड़े  है देश की रक्षा करने पर अड़े है।
आँधी आये तूफान आये या फिर हो बरसात, 
देश की रक्षा पहले है बाकी सब देश के बाद।
आँधी और तूफानों का रूख मोड़ देगे, 
दुश्मन ने जो हमारी धरती की तरफ़ देखा उसकी आँखे फोड़ देगे।

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