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शीर्षक (स्वतंत्रता दिवस)

SACHIN KUMAR SONKER 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम GOOGLE (स्वतंत्रता दिवस) 76626 0 Hindi :: हिंदी

शीर्षक (स्वतंत्रता दिवस)
मेरे अल्फ़ाज़ (सचिन कुमार सोनकर)
यू ही नही ये आजादी  की खुशियाँ आयी है।
इसके लिये शहीदों  ने अपनी जान गवायी है।
माँ ने बेटे को खोया है ,
तो पत्नियों ने अपनी चूड़ी तुड़वाई है।
बहनों ने भी अपने भाइयों की बलि चढ़ाई है ।
भाइयों ने भी उनके राखी की लाज़ बचाई है।
सन 1857 की वो पहली लड़ाई है।
जिसने अंग्रेजों को पहली बार धूल चटाई है।
हिन्दू, मुस्लिम और जवान सब ने मिल कर दिया बलिदान।
गाँधी, शास्त्री,सुभाष जी ने आजादी की राह दिखाई है।
चन्द्रशेखर आज़ाद और भगत सिंह  ने अंग्रेजों पर की चढ़ाई है।
इस दिन  के लिये हमने काफ़ी  बड़ी कीमत चुकायी है।
बड़ी मुश्किल से ये आज़ादी की खुशियाँ आयी है।
फ़ाँसी के फंदे को चूम के ख़ुद को फ़ाँसी हमने लगाई है।
पीठ नही दिखाया हमने सीने पर लोगी खाई है।
जश्ने आज़ादी की वो रात है आयी,
आप सभी को स्वतंत्रता दिवस की हार्दिक बधाई।
जय हिन्द।




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