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शीशा हो या दिल‌ अंत‌ में टूट ही जाता है

Shivam 23 May 2023 कविताएँ समाजिक 7415 0 Hindi :: हिंदी

शीशा हो या दिल‌  अंत‌ में टूट ही जाता है,
 हमसे पूछो क्या कोई आखिर तक साथ निभाता है ।
छोड़ कर चले गए वह सब,
 नहीं रहा जिंदगी में कोई खास अब।
जिंदगी ने एक पल में सब कुछ बदल दिया,
मुझे नन्ही सी जान को आसमान से उठाकर जमीन पर पटक दिया।
एक पल में सब कुछ बदल सा गया,
 सूर्य को ढकने वाला जैसे काला बादल छा गया।
टूट गए वह सारे सपने,
देखे थे जो मैंने अपने।
मैं रहूंगा सबके जीवन में सदा अहम,
  यही था शायद मेरी जिंदगी का सबसे बड़ा वहम।
मैं ही था जो दुनिया को कभी समझ ना पाया था,
 तभी तो दुनिया के लिए मैंने अपना सर्वत्र लुटाया था।
 जिंदगी होती मेरी कहीं और से शुरू, अगर मिल जाता मेरे जीवन में एक सच्चा गुरु।
 मेरे भी कुछ सपने थे,
ना जाने कितनी अपने थे।
जिंदगी के मोड़ ने मुझे अब अंदर से तोड़ दिया,
 मेरे अपनों ने ही मुझे अब छोड़ दिया।
 थे कुछ लोग ऐसे जो कहते थे,
तू नहीं तो मरना चाहूंगा,
 तू तेरे बिन अब मैं जी ना पाऊंगा।
 हां मैं मानता हूं मुझमें कुछ खामियां हैं,
तो कई सारी अच्छाइयां भी तो हैं।
 यह  तो हर मनुष्य में पाए जाते हैं,
 पर समाज की बुराइयों की भेंट हम बच्चे क्यों चढ़ जाते हैं।
अगर हमें बचपन में ठीक से ज्ञान प्राप्त होते,
 तो हम भी आज कहीं और ही होते,
हमारे सारे संबंधी भी हमारे पास भी होते।
 समाज ने हमें  डरना सिखाया है, 
स्कूल में सही ज्ञान मिलना है,
नही मिला जीवन में ऐसा जिसने सही बात बताई हो,
 हमारे जीवन को एक नई राह दिखाई हो।
जब बच्चे थोड़े बड़े हो जाते हैं,
 उनके ऊपर काले मेघ छा जाते हैं।
 तब लडको को काम पर भेजा जाता है,
लड़कियों को भी घर के कामों में झोका जाता है।
 जहां हम graduation करने वाले थे,
वही शैक्षणिक बीमारी में पिसते बच्चे बेचारे थे।
नही था इतना पैसा की हम आगे की पढ़ाई करते,
और अब हम हर रोज मरते। 
घर की सारी इच्छाओं को करना पुरी है,
 इसीलिए सुबह जल्दी उठ कर काम पर जाना भी तो जरूरी है।
 हम अपनी इच्छाओं का दमन करते हैं,
 दूसरों की इचाओ को सर्वोपरि रखते हैं।
फिर भी  न जाने क्यू लोग हमारी खुशियों से जलते हैं।
मुझे अब सब कुछ समझ आता है,
बिन ज्ञान सब कुछ पल भर में बदल जाता है 
काश! उस समय मेरी जिंदगी में होती एक दस्तक,
 भगवान मेरी झोली में दे देता एक मार्गदर्शक।
 तब आज मैं कहीं और होता,मेरे शुभचिंतक भी मेरे साथ होते,
तब शायद मेरे अपने और मेरे दोस्त मुझे कभी छोड़कर ना जाते।

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