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सिर्फ मुझे पता है-प्यार कितना है तुमसे तुम्हें खोने के डर से

Pradeep singh " gwalya " 12 Aug 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत प्रदीप सिंह ग्वल्या 8462 0 Hindi :: हिंदी

प्यार कितना है तुमसे, तुम्हें खोने के डर से
ये चेहरा नहीं जताता है
चाहेंगे कई तुम्हें या चाहते होंगे,
 पर मेरे लिए आपका मोल
 सिर्फ मुझे पता है,,,,,

तुम हंसती हो तो कितनी प्यारी लगती हो 
शायद ये तुम्हें खुद नहीं पता है
तारीफ करेंगे झूठी हजारों लाखों पर
तुम्हारी हंसी का असली मोल 
सिर्फ मुझे पता है,,,,,

कभी बिखरे कभी सुलझे कभी हवा के साथ बहती 
वो लटें वो बाल जिन पर मेरी ये मता है कि 
इन्हें संजोने के ख्वाब देखते होंगे कई पर
 इन बालों की खुशबू और इनकी छांव की अहमियत
सिर्फ मुझे पता है,,,,,

दिल में गुदगुदी करती बड़ी होती
जो तुम्हारे लिए मेरे दिल में ये प्रेम लता है
किसने बोई,किसने रोपी ,किसने सींची 
नहीं खबर ,पर कितनी सुंदर ये
सिर्फ मुझे पता है,,,,,

तुम्हें पाने के लहजे से 
तुम्हारे प्यार का शब्दकोश 
इतने वर्षों से जो मैंने रटा है
कितनी मेहनत लगी , कितना समय
यह सिर्फ मुझे पता है,,,,,

अब अंतिम गुहार, विनती तुझी से है 
है ! खुदा हमें एक राह दिखा दे
ना अन्यथा दुःख दर्द या सजा दे
क्योंकि जिंदगी उसके बगैर कितनी बैरंग होगी
ये सिर्फ मुझे पता है,,,,,
                          
                    प्रदीप सिंह ग्वल्या ✍️
जैसा आप सभी जानते हैं कि प्यार एक दुनिया की सबसे खूबसूरत चीज है ,भगवान ने इसे हर किसी की झोली में डाला है मगर वह सिर्फ आप पर निर्भर करता है कि आप उसे किस तरह संभाल के रखते हैं या फिर किस तरह से उसको मेंटेन करते हैं। कई लोग जीवन में हताश रहते हैं कि हमारे भाग्य में प्रेम नहीं है या फिर हमसे कोई प्रेम नहीं करता दोस्तों प्यार कई प्रकार के हो सकते  हैं जैसे आप जानते होंगे पारिवारिक प्रेम,दोस्ताना प्रेम, बिसम लैंगिंग प्रेम, प्रकृति प्रेम, जानवरों से प्रेम,या फिर स्वयं से प्रेम ।प्रेम की कमी नहीं है बस आपको सकारात्मक रूप में चीजों को समझना होगा प्रेम आपके जीवन में जरूर आएगा।

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