Abhinav chaturvedi 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम Abhinav chaturvedi 95422 0 Hindi :: हिंदी
"स्वामी विवेकानंद" दुनिया के लिए आज का दिन आम है। हम भारतीयों के लिए ये दिन खास है। जब भी स्वामी विवेकानंद के बारे में हम पढ़ते हैं। युवाओं के उस प्रेरणास्त्रोत को याद करते हैं। तब, एक ज़िक्र हम अमेरीका में दिए उनके उस भाषण का करते हैं। दृढ़ विचार, सन्त पोशाक, तेज उनके चेहरे पर। भारत के वो लाल, दिए परिचय माँ भारती के कहने पर । सर्वप्रथम "विश्व धर्म सम्मेलन" के मंच का सत्कार किया। भाईयों-बहनो से सम्बोधित कर उन्होंने अमेरीका को प्रणाम किया। उनमे देशवासियों के लिए प्रेम, और परमहंस का ज्ञान था। शालीन, मैत्री भाव, और संस्कार विद्यमान था। मानवता और आपसी रिश्तों की मजबूती पर वो ज़ोर दिए। भाषण से हर चहलपहल के रुख को अपनी ओर मोड़ लिए। भारत-सन्त परम्परा के इतिहास का बखान किया। एकता की नींव को मजबूती के लिए सारा राज़ दिया। कुछ कथन थे उनके जो की कट्टरता के खिलाफ थे। मानवजाति के पक्ष में और देश के उद्धार में। ऐसे महापुरुष के कथन असत्य नही हो सकते हैं। “नफ़रत के बीज बोने वाले प्रेम के फल नही बो सकते हैं”। कही उनकी भाषण की बातें हम सबको याद हैं। देश ऐसे हैं दुनिया मे जो साम्प्रदायिकता के शिकार हैं। अपने चंद शब्दों की कमाई महापुरुषों को अर्पण करता हूँ। ऐसे महापुरुष को हाथ जोड़कर नमन करता हूँ।। ✍️ अभिनव चतुर्वेदी