कुमार किशन कीर्ति 21 May 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत साँवली, धड़कन, प्यार,राज-ए-दिल 11435 0 Hindi :: हिंदी
वह साँवली सी लड़की, कभी-कभी मुझे छिपकर देखा करती थी। ना जाने क्या-क्या सोचा करती थी, कभी मुस्कुराती मुझे देखकर। कभी पलकें झुकाती मुझे देखकर, बस,वह साँवली सी लड़की। एक दिन मुझसे टकरा गई। ऐसा लग मानो, उसकी धड़कन तेज हो गई। मैंने कहा जरा अपना नाम बताना, क्यों मुझे देखती हो? इसकी वजह तो बताना। वह मुझसे दूर खड़ी हो गई, राज-ए-दिल ना बताऊंगी। ऐसा मुझसे कह गई, अब,कैसे उससे कहूँ? मैं उससे प्यार करने लगा था। उसे मैं भी छिप-छिप कर देखा करता था। पर,आज वह साँवली सी लड़की मेरी हमसफ़र बन गई है। सच कहूँ... दिल की हर मुराद पूरी हो गई। :कुमार किशन कीर्ति।