Pranjal tiwari 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम Pranjal tiwari search it on sahity live.com 15039 0 Hindi :: हिंदी
बहुत दिनों जो थें परतंत्र , लड़ी लड़ाई हुएं स्वतंत्र , लागू हुआ है तब जनतंत्र , भारत बना है अब गणतंत्र। इस शुभ दिन की चाह में , देशभक्ति की राह में , आजादी का संजोया सपना , वीरों ने तुम्हें मान के अपना । आजाद सुभाष जैसे वीरों ने , धीर वीर गंभीरों ने , आजादी का बिगुल बजाया , फिर सबने तिरंगा फहराया । वीरों की है बात ही क्या ? वीर नारियां भी आईं , कोई रानी लक्ष्मीबाई , तो कोई दुर्गावती कहलायीं । आजादी की कामना में , देशभक्ति की भावना में , मरें मिटे देशभक्त अनेक , उनमें से बच सकें न एक । भारत का अनेक खतरा हटाया , लहू का हर एक कतरा बहाया , तुमको जिसने गुलाम बनाया, वीरों ने उन्हें मार भगाया । अंग्रेजों का मिटाया वर्चस्व , न्योछावर किया अपना सर्वस्व , आज उन वीर अभिलाषी को याद करके , रोते हैं भारतवासी आंखों में आंसू भरके । जिन्होंने भारत को आजादी दिलवाया , जिन - जिन ने है प्राण गंवाया , ज्ञात और अज्ञात मात्र है उनके नाम , भारतवासी उन सबको कर रहें प्रणाम ।