Vikas Yadav 'UTSAH' 30 Mar 2023 कविताएँ देश-प्रेम विकास यादव , उत्साह, वो मेरा गांव है, विकास यादव की रचना कविता ,विकास यादव द्वारा रचित कविता, विकास यादव उत्साह, हिंदी कविताएं ,गांव पर कविता ,मेरा गांव हिंदी कविता 87094 0 Hindi :: हिंदी
जहां रवि से पहले उठकर, लालिमा शोभे लिलार पे।2.. जहां कोयल की कूक से पहले, पायल खनके पांव में। वो मेरा गांव है.. जहां चाहूं तरफ हरियाली, एकजुट परिवार खुशहाली।2.. जहां पूर्ण वस्त्र में नारी, गईया भी सबकी प्यारी। वो मेरा गांव है.. जहां खुले हवा में सांस, सोने को चांदनी रात।2.. जहां बापू के नाम से, मेरे घर की पहचान है। वो मेरा गांव है.. जहां दशरथ मांझी जैसे, हर घर में किसान हैं ।2.. जहां राम-कृष्ण, अल्लाह की, सगै मंदिर, मजार है। वो मेरा गांव है.. जहां अपनी ग्रामीण बोल, लगे मिश्री की घोल।2... जहां उत्साह के लिए हर घर में, अपने पन का भाव है। वो मेरा गांव है.. काव्य- विकास यादव "उत्साह" (हैदरगंज,गाजीपुर ,उत्तर प्रदेश)