कविता पेटशाली 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 77979 0 Hindi :: हिंदी
वक़्त ,की ,मुलाकात ,लिख रही हूँ,। किसी ,से ,अधूरा, रहा ,साथ लिख रही हूँ,। लिखावट,का तलबगार रहा कलम,। मैं तो बस अपना इक हाथ लिख रही हूँ,। कहीं उलझी तन्हाई ,मैं तो कविता में किसी की याद लिख रही हूँ,। तारे से तारा ,टकराता,। मैं तो आंखों की सांझ लिख रही हूँ,। गुलजार, इक ,रो ,न सका,। मैं , भीगे कागज के अल्फ़ाज़ लिख रहीं हूँ,।। कविता पेटशाली
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