Baba ji dikoli 27 Apr 2023 कविताएँ अन्य Kaveeta /alekh/gajal/nagma,/geet/sangeet/nibandh/ 13650 0 Hindi :: हिंदी
ये जिन्दागी एक अजब पहेली है । किसी के लिए सुनहरी तो किसी के लिए अँधेरी है। कोई सजा रहा है ख्वाब इसमें नये और अनमोल तो कुछ बैठे है हताश और कमजोर.... कोई बैठा है लिए जिद और परेशानियां इसमें तो कुछ बुन रहे रंगीन सपने इसमें। कुछ तलाश रहे है खुशिया इसमें, तो कोई खाख इसे करने में लगा है। किसी को ये जिंदगी बहुत बड़ी लग रही है तो किसी से एक लम्हा न कट रहा है। किसी की जिन्दागी एक शक्श पर आ रुकी है। तो कोई लाखो चहरे हर रोज पढ़ रहा है। आखिर ये जिंदगी क्या है ?............ कुछ इसे ख़त्म करने की सोच में है। और कुछ शुरू करने की खोज में ....... किसी को ये ग़मगीन नजर आती है , तो कोई हसीन लिख रहा है । ये जिंदगी सच में अनोखी है सच में ये एक पहेली है ........ @baba ji dikoli