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में समझ नहीं पा रहा हूँ, यह क्या मजंर है, तू खुश दिखाई दे रही है, लेकिन तेरी सिसकियों की अवाज़े न जाने क्यूं मेरे दिल को सुनाई दे रही है। read more >>
यूँ नज़रो ही नज़रो में इजहार ए मोहब्बत का इकरार करके, वो ऐसे अनजान बनते है जैसे हम कुछ समझते ही नहीं। read more >>
कितने अनजान से खड़े है आज हम, और एक वक्त वो था कि हम, दो जिस्म और एक जान कहलाते थे।। read more >>
लोगों को बदलते देखा मेंने, वक्त को बदलते देखा मेंने, मौसम को बदलते देखा मेंने, बहुत कूछ बदलते देखा मेंने, लगा जैसे सब कूछ बदलते देखा है read more >>
शब्दों में तुझको उतारा, हुआ प्रेम जब मेरा विह्वल। मालाओं में तुझको पिरोया, तेरी एक निर्णय ने, मेरा सब कुछ छीना। पड़ी गांठ जब दिल पर मे read more >>
दर्द सहने की आदत, कुछ इस तरह हो गई। सुबह का दर्द शाम तक, पुरानी हो गई। क्या तोड़ोगे टूट कर, निखरने वालों को। आग की तपिश भी, अब शीतल लगने read more >>
इस मसले का हल कहाॅं से लाएं? जो नहीं तकदीर में उसे किससे लिखवाएं? बंधे रह जाते हैं मन्नतों के धागे, धागों में बंधने की तकदीर किससे पाएं? read more >>
आज कल लोगों की नजर अपनी ग़लतीयों को सुधारने में कम और दुसरों की अच्छाईयों को टेढ़ी तरह से देखने में ज्यादा खराब हो रही है। read more >>
हौसलों में चाहत के पंख लगा, में आसमान में उड़ना चाहता हूँ, करोड़ों में-में भी एक बनू, ऐसा नहीं, करोड़ों में से में एक बनू, कुछ ऐसा करना चाहत read more >>
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