मोती लाल साहु 18 May 2023 कविताएँ समाजिक सत्य और नश्वर का संयोग यह शरीर, जिसकी प्रकृति में परिवर्तन है वह सत्य नहीं हो सकता- यूंकि सत्य में परिवर्तन नहीं है वह कालातीत है- शरीर की प्रकृति- परिवर्तन के आधीन है यूंकि यह चार नश्वर-पृथ्वी-जल- अग्नि-वायु से निर्मित है- पर जीवन का अस्तित्व सत्य से बंधा है। 4387 0 Hindi :: हिंदी
सत्य और- नश्वर का संयोग यह शरीर! जिसकी- प्रकृति में परिवर्तन है, वह सत्य नहीं हो सकता यूंकि, सत्य में परिवर्तन नहीं है सत्य कालातीत है शरीर की प्रकृति- परिवर्तन के आधीन है यूंकि, यह चार- नश्वर-पृथ्वी-जल- अग्नि-वायु,से निर्मित है पर जीवन का- अस्तित्व सत्य से बंधा है सत्य और नश्वर- का संयोग है यह शरीर!! -मोती