Chinta netam " mind " 14 Apr 2023 कविताएँ राजनितिक 16990 0 Hindi :: हिंदी
# लोकतंत्र ...... सफेदपोश गिद्ध आयेंगे रचकर भयानक षड्यंत्र ... लोकतंत्र को कमजोर बनाने मजबूत बनाने राजतंत्र ... संसद से निकाल ले जाएंगे खतरे में पड़ा लोकतंत्र ... और उसे पहाड़ पर मजे से नोच-नोच कर खाएंगे ... सफेदपोश चोर आएगा तो लोकतंत्र को ही चुराएगा ... सफेदपोश जुआरी लोकतंत्र पर ही दाँव लगाएगा ... सफेदपोश ऋषि आएँगे तो दान में माँगेंगे लोकतंत्र ... चुनावी आंधी आएगी तो लोकतंत्र ही उड़ाएगी ... झूठे वादों से लबरेज बारिश भिगोएगी लोकतंत्र ... दंगे-फसाद की आग आएगी बुरी तरह जलाएगी लोकतंत्र ... कसी जाएंगी बेड़ियां लगाम इस पर ही लगाई जाएँगी .. सफेदपोश साँप आएगा तो लोकतंत्र को डसेगा ... सफेदपोश झींगुर आएँगे तो चाटेंगे लोकतंत्र .. सफेदपोश कीड़े लोकतंत्र ही काटेंगे ... प्रलय के दिनों में , लोग अपने रिश्तेदार , घर बचाएंगे ... कोई सोना , कोई चांदी बचाएगा कोई यहां से चला , कोई रह जाएगा ... सप्तऋषि , यक्ष , गंधर्व अश्वनी , मनु और मीन ... सब वेद बचाएँगे कोई नहीं बचाएगा लोकतंत्र ... कोई रूस बचाएगा कोई अमेरिका बचाएगा ... कोई जापान बचाएगा कोई चीन बचाएगा ... बेबस , निस्सहाय मैं निपट अकेला ... कैसे बचाऊँगा , अपने देश का लोकतंत्र .......? चिन्ता नेताम " मन " डोंगरगांव (छत्तीसगढ़)