चंद्र प्रकाश 12 Nov 2023 कविताएँ समाजिक 10773 0 Hindi :: हिंदी
चलते चलते बात हुई, अधूरी नई वार्तालाप हुई, घर परिवार मिल कुछ बात हुई, व्यस्तता चलते आधी रात हुई, फिर भी कहाँ पूरी बात हुई ? चाहत मिलना बहुतों से, मिला बहुतों से, फिर भी दिल से मिलना चाहा जिसको उनसे कहाँ मुलाकात हुई चलते चलते बात हुई, अधूरी नई वार्तालाप हुई II ये तीसरे दौर की थी अंतिम वार्ता मेरी, बाल सखाओं से मिला, बहन बेटियों से मिला, जैसे मिलता रोज, नहीं मिला उस रोज, मिलता निसंकोच, लिए नई सोच, मैं व्यस्त चला, तमन्ना मिलना सबसे, नहीं मिला, मिलने वाला मुझसे व्यस्त मिला, यात्रा अधूरी, लीक नई जरूरी, कोशिश नाकाम हुई चलते चलते बात हुई, अधूरी नई वार्तालाप हुई II जितना चला दिल से मीलकर चला, चलने वाला हमसफ़र मिला, हरकोई डरने वाला मिला, दिल से दिल मिला, पर कोई दिलदार ना मिला, करीब होकर, आदमी आदमी से दूर मिला, मिल जाता चहेतों से, कुछ कर गुजरता, समय कहाँ मिला ? ना सपनों की जीत हुई, ना हर से प्रीत हुई, चलते लीक नई अकेले, सी० पी० अभिशाप हुई, चलते चलते बात हुई, अधूरी नई वार्तालाप हुई II C. P Gaur 06.11.23