Pooja Sankalp 30 Mar 2023 कविताएँ प्यार-महोब्बत 41477 0 Hindi :: हिंदी
प्रिय के विरह मे बैठी प्रियतमा, मन भरा व्याकुलता से, प्रिय की राह निहारे। कब आयेंगे, कब आयेंगे, कह, कह अंतर्मन से पुकारे। कई बरस बीत गये, हम मिलन को तरस गये, रो-रो नैन दुखारे। क्या भूल हुई, क्या शूल चुभा हृदय को, जो मेरा तनिक स्मरण न रे। सुनसान जगह है, तेरे बिन न मेरा कोई यहाँ है, काहे तू इस व्यथा को समझ न रे।।