मेरा घमंड तोड़ दो,
बना लो अपना चरण दास,
मैं अन्यायी बन-बन दर-दर भटक रहा,
तेरी ओर तनिक न झाँक रहा,
मेरे दुष्कर्म को क्षमा कर,
बना ले मुझको अप read more >>
आता हूँ तेरे द्वारे ,एक आस निहारे,
शरण में ले, ले अपने शरणागत प्यारे,
कर्म, अकर्म का ज्ञान नहीं,
उचित, अनुचित का ध्यान नहीं,
छल, कपट का पहच read more >>