नरेंद्र भाकुनी 22 Feb 2024 कविताएँ देश-प्रेम हिंदी दिवस, हिंदी, सबसे अच्छी कविता, मोदी, narendra bhakuni, Narendra Modi, किसान, भारत, poetry, काव्य, हिंदी काव्य, कुमार विश्वास, 2064 0 Hindi :: हिंदी
मैं खुले गगन का पंछी बनकर आधार धरूँगा हिंदी में। मै रजत रश्मि का सूरज बनकर चमक उठूंगा हिंदी में। जीवन की जो आशा हैं उस आशा में परिभाषा हैं। मुझे किसी बात का खौफ़ नहीं ये मेरे राष्ट्र की भाषा हैं। डँके की चोट से कहता हूँ ये मान रखूँगा हिंदी में। मुझे और किसी से क्या लेना स्वाभिमान भरूंगा हिंदी में। ये राष्ट्र हमारा गौरव है हर ज्ञान हमारा पर्व है। मेरे राष्ट्र की भाषा हिंदी है इस हिंदी पर हमें गर्व है मैं बहती नदी का प्रेमी बनकर उदगार भरूँगा हिंदी में। नरेंद्र सिंह भाकुनी , अल्मोड़ा (उत्तराखंड)