Aarti Goswami 16 Jan 2024 कविताएँ अन्य जेब खाली 5153 1 5 Hindi :: हिंदी
"जेब खाली" जेब खाली लेकर निकले मंजिल की तलाश में हम घर से दूर चले सपनो की उड़ान में शुरुआत छोटी है पर अरमान बहुत बड़े हैं भरोसा है खुद पर महादेव पर उम्मीद से जो पौधा लगाया उसे होसलो की छाव देंगे कभी धूप सहकर तो कभी बारिश मे भीगकर उस पे सफलता के फल लगेंगे जानती हूं कार्य ये आसान नहीं बिन रुके ही राहों में मुझे आगे बढ़ना होगा ओरों की तुलना में सबसे ज्यादा पढ़ना होगा जुड़ना हैं धरती से उड़ना हैं आसमान में रोक सके अब मुझे दम कहां हैं तूफ़ान में देर लगे चाहे राहों में रास्तों से मुंह न मोडूंगी अब मंजिल को पाकर ही जिद्द अपनी छोडूंगी संघर्ष की आग में जलकर हद से ज्यादा मेहनत कर घर लोटूंगी खाली जेब भरकर ~'आरती गोस्वामी'✍️
3 months ago